आज भी समाज में ऐसे मामले सामने आते हैं जहाँ किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध शादी या अवैध संबंध के लिए बहकाया या जबरन ले जाया जाता है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 87 ऐसे ही अपराधों को रोकने के लिए बनाई गई है।
यदि कोई व्यक्ति किसी महिला का अपहरण या बहकाकर ले जाता है, इस नीयत से कि —
● उसे जबरन विवाह करने पर मजबूर किया जाए,
या
● उसे अवैध संबंध में धकेला जाए,
तो यह गंभीर आपराधिक कृत्य माना जाएगा।
इस अपराध के लिए सज़ा का प्रावधान है —
● अधिकतम दस वर्ष तक की कैद और जुर्माना।
● यह दंड केवल अपहरण करने वाले पर ही नहीं,
बल्कि उस व्यक्ति पर भी लागू होता है जो धमकी, दबाव या अधिकार का दुरुपयोग करके महिला को किसी स्थान से जाने के लिए मजबूर करता है, यह जानते हुए कि उसे बाद में जबरन विवाह या अवैध संबंध के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
● महिलाओं की इच्छा और स्वतंत्रता की रक्षा करना।
● किसी भी महिला को जबरन विवाह या शारीरिक संबंध के लिए बाध्य करना, केवल उसके सम्मान का नहीं बल्कि उसकी संवैधानिक गरिमा का भी उल्लंघन है।
● धारा 87 यह याद दिलाती है कि —
विवाह प्रेम या सहमति से हो सकता है, पर दबाव या छल से नहीं। कानून ऐसे हर व्यक्ति को कठोर सज़ा देता है जो महिला की “ना” को नज़रअंदाज़ कर उसे जबरदस्ती अपने हक में करना चाहता है।

      
      
      
