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“वसीयत, बैनामा और दान पत्र में हसिया गवाह Hostile" । दस्तावेज़ का execution साबित कैसे?

 


⚖️ जब Attesting Witness (हसिया गवाह) Hostile हो जाए: कानूनी उपाय 


जब दस्तावेज (जैसे वसीयत, gift deed, sale deed), का निष्पादन करने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाए या किसी कारण से मौजूद न रहे तो दस्तावेज़ की वैधता साबित करने में attesting witness (हसिया गवाह) की भूमिका बेहद अहम होती है। ऐसे दस्तावेज़ जो कानून के अनुसार attested होने चाहिए  उनकी प्रामाणिकता अक्सर गवाह के माध्यम से सिद्ध की जाती है।

लेकिन सवाल उठता है – यदि गवाह hostile हो जाए या इनकार कर दे, तो क्या होगा? भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) की धारा 70 इस स्थिति को स्पष्ट रूप से संबोधित करती है।


⚖️  Hostile या Forgetful Witness की स्थिति
  • गवाह इनकार करता है कि उसने दस्तावेज़ को देखा या हस्ताक्षर की पुष्टि की।
  • या कहता है कि उसे याद नहीं कि दस्तावेज़ किस समय निष्पादित हुआ।
  • ऐसे में दस्तावेज़ के execution को सीधे सिद्ध करना मुश्किल हो जाता है।

⚖️ धारा 70 के तहत कानूनी उपाय


धारा 70 यह अनुमति देती है कि यदि attesting witness निष्पादन (execution) को सिद्ध करने में मदद न कर सके, तो “अन्य साक्ष्य” (Other Evidence) के माध्यम से दस्तावेज़ की प्रामाणिकता सिद्ध की जा सकती है।


⚖️ अन्य साक्ष्य के विकल्प
  1. हस्तलेख विशेषज्ञ (Handwriting Expert)

    • दस्तावेज़ पर निष्पादक और गवाह के हस्ताक्षर की पहचान करवा सकते हैं।
    • Expert गवाही से अदालत को पता चलता है कि दस्तावेज़ वास्तव में संबंधित व्यक्ति ने निष्पादित किया।
  2. दस्तावेज़ लेखक/लिपिक (Scribe) की गवाही

    • जिसने दस्तावेज़ लिखा या तैयार किया, वह गवाही देकर दस्तावेज़ के execution की पुष्टि कर सकता है।
  3. परिस्थितिजन्य साक्ष्य (Circumstantial Evidence)

    • जैसे स्टाम्प पेपर की खरीदारी, दस्तावेज़ तैयार होने की तारीख, पक्षकार की व्यवहारिक गतिविधियाँ।
    • यह दर्शाता है कि निष्पादन वास्तविक था।
  4. पार्टी का स्वीकृति/Admission

    • यदि निष्पादक स्वयं दस्तावेज़ के execution को स्वीकार करता है, तो वह भी पर्याप्त साक्ष्य माना जाता है (धारा 69 BSA)।

⚖️ महत्त्व
  • दस्तावेज़ की वैधता में बाधा नहीं आती।
  • कानून लचीलापन देता है, ताकि hostile witness के बावजूद execution सिद्ध किया जा सके।
  • न्यायालय परिस्थितियों के अनुसार अन्य साक्ष्य स्वीकार करता है।

⚖️ उदाहरण

मान लीजिए:

  • X ने जमीन का sale deed बनाया।
  • Attesting witness Y अदालत में कह देता है कि “मुझे याद नहीं कि X ने हस्ताक्षर किए।”
  • अब अदालत handwriting expert, scribe, और X के conduct (जैसे जमीन का कब्जा लेने के बाद व्यवहार) को देखकर निष्पादन सिद्ध कर सकती है।

⚖️ ✅ निष्कर्ष


धारा 70 BSA यह सुनिश्चित करती है कि attesting witness hostile होने पर भी दस्तावेज़ की प्रामाणिकता साबित की जा सके

  • यह न्यायिक प्रक्रिया में बाधा नहीं डालता।
  • दस्तावेज़ के execution को सिद्ध करने के लिए विविध प्रकार के साक्ष्य स्वीकार्य हैं।