देश में अपराध की सबसे वीभत्स घटनाओं में से एक है – नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार। यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि पूरी मानवता के लिए शर्मनाक कलंक है। इसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 65 बनाई गई है।
● यदि कोई व्यक्ति 16 वर्ष से कम आयु की महिला/लड़की के साथ बलात्कार करता है,
● उसे कम से कम 20 वर्ष का कठोर कारावास दिया जाएगा।
● यह सज़ा आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है ( "आजीवन कारावास" का अर्थ है – उस व्यक्ति के जीवन की शेष प्राकृतिक आयु तक जेल में रहना।)
● साथ ही अपराधी को जुर्माने (fine) से भी दंडित किया जाएगा।
● यह जुर्माना पीड़िता के चिकित्सकीय खर्च व पुनर्वास (rehabilitation) के लिए न्यायसंगत और उचित होना चाहिए।
● यह जुर्माना सीधे पीड़िता को दिया जाएगा।
विशेष परिस्थितियों में बलात्कार की सज़ा
Section 65 (2) BNS
● यदि कोई व्यक्ति 12 वर्ष से कम आयु की महिला/लड़की के साथ बलात्कार करता है,
● उसे कम से कम 20 वर्ष का कठोर कारावास दिया जाएगा।
● यह सज़ा आजीवन कारावास (प्राकृतिक जीवन की शेष अवधि तक) या फिर मृत्युदंड तक हो सकती है।
● साथ ही अपराधी पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
● यह जुर्माना भी पीड़िता के चिकित्सा खर्च और पुनर्वास के लिए होना चाहिए।
● यह जुर्माना सीधे पीड़िता को ही दिया जाएगा।
यदि पीड़िता 16 साल से कम है → सज़ा = 20 साल से लेकर उम्रकैद तक + जुर्माना (जो पीड़िता को मिलेगा)।
यदि पीड़िता 12 साल से कम है → सज़ा = 20 साल से लेकर उम्रकैद या मृत्युदंड तक + जुर्माना (जो पीड़िता को मिलेगा)।