आंशिक निष्पादन (Part Performance) का अर्थ
जब खरीद-बिक्री का समझौता (Agreement to Sell) हुआ है, लेकिन पंजीकृत विक्रय विलेख (Registered Sale Deed) अभी तक नहीं बना,
फिर भी खरीदार ने समझौते की शर्तें पूरी कर दी हैं और संपत्ति का कब्ज़ा ले लिया है,
तो विक्रेता (Seller) खरीदार को संपत्ति से बेदखल नहीं कर सकता।
यह प्रावधान खरीदार की रक्षा (Protection) के लिए है, लेकिन स्वामित्व का अधिकार (Ownership Right) नहीं देता।
कानूनी प्रावधान — धारा 53A, संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882
- यदि विक्रेता और खरीदार के बीच लिखित समझौता हो।
- खरीदार ने मूल्य का भुगतान कर दिया हो या करने की तैयारी में हो।
- खरीदार ने कब्ज़ा ले लिया हो या पहले से कब्ज़े में हो।
- और खरीदार समझौते की सारी शर्तें पूरी कर रहा हो।
तो —
विक्रेता खरीदार को संपत्ति से निकाल नहीं सकता।
लेकिन खरीदार को स्वामित्व का अधिकार नहीं मिलेगा, जब तक पंजीकृत विक्रय विलेख नहीं बनता।
उदाहरण
परिस्थिति:
- राम ने श्याम से 1,00,000 रुपये में एक प्लॉट खरीदने का एग्रीमेंट टू सेल किया।
- राम ने पूरे पैसे दे दिए और कब्ज़ा भी ले लिया।
- लेकिन विक्रय विलेख (Sale Deed) अभी पंजीकृत नहीं हुआ।
- कुछ महीनों बाद, श्याम प्लॉट वापस मांगता है और राम को निकालना चाहता है।
कानून क्या कहता है:
- राम धारा 53A का सहारा लेकर कहेगा:
“मैंने समझौते की शर्तें पूरी कीं, पैसे दिए और कब्ज़ा लिया,
इसलिए श्याम मुझे बेदखल नहीं कर सकता।”
परिणाम:
- राम को कब्ज़ा सुरक्षित रहेगा।
- लेकिन जब तक पंजीकृत विक्रय विलेख नहीं बनेगा, राम कानूनी मालिक (Owner) नहीं कहलाएगा।