भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (Indian Evidence Act) के अंतर्गत साक्ष्य (Evidence) के कई प्रकार बताए गए हैं — हर प्रकार की अपनी कानूनी प्रकृति और उपयोगिता होती है। नीचे उनका क्रमवार विवरण दिया जा रहा है, ताकि किसी भी मुकदमे में उचित साक्ष्य की पहचान कर सकें
⚖️ मुख्य प्रकार के साक्ष्य (Types of Evidence under Indian Law)
यह वह साक्ष्य होता है जो किसी तथ्य को सीधे सिद्ध करता है, किसी अनुमान की आवश्यकता नहीं होती।
उदाहरण:
– प्रत्यक्षदर्शी गवाह (Eye witness)
– CCTV में अपराध की रिकॉर्डिंग
कानूनी स्थिति:
ऐसे साक्ष्य सबसे मजबूत माने जाते हैं।
 जब प्रत्यक्ष साक्ष्य न हो, तो परिस्थितियों की श्रृंखला से अपराध सिद्ध किया जाता है।
उदाहरण: खून लगे कपड़े, भागने का प्रयास, मृतक के साथ अंतिम बार देखा जाना।
सिद्धांत: परिस्थितियाँ इतनी मजबूत हों कि किसी अन्य निष्कर्ष की गुंजाइश न रहे।
कोई भी लिखित, मुद्रित, या इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ जो किसी तथ्य को सिद्ध करे।
प्रावधान:
- Section 61 to 90, Evidence Act
उदाहरण: अनुबंध (Contract), वसीयत (Will), रसीदें, बैंक स्टेटमेंट, इलेक्ट्रॉनिक मेल। 
ऐसा साक्ष्य जो गवाह अपने ज्ञान या अनुभव के आधार पर अदालत के समक्ष मौखिक रूप से प्रस्तुत करता है।
प्रावधान:
- Section 59–60, Evidence Act
नियम: मौखिक साक्ष्य प्रत्यक्ष होना चाहिए — सुनी-सुनाई बात (Hearsay) आमतौर पर स्वीकार्य नहीं होती। 
मूल दस्तावेज़ या वस्तु जो सीधे अदालत में प्रस्तुत की जाती है।
उदाहरण: अनुबंध का मूल कागज, असली रसीद, असली फोटो।
प्रावधान: Section 62, Evidence Act.
जब मूल दस्तावेज़ उपलब्ध न हो, तब उसकी प्रति, फोटोकॉपी या प्रमाणित नकल पेश की जाती है।
प्रावधान: Section 63, Evidence Act.
 ऐसा साक्ष्य जो किसी अन्य साक्ष्य की विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
प्रावधान: Section 157, Evidence Act.
 जो गवाह स्वयं नहीं जानता बल्कि किसी और से सुना हो।
कानून: सामान्यतः यह अस्वीकार्य (inadmissible) होता है, क्योंकि यह अविश्वसनीय माना जाता है।
 कोई भी सूचना जो इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्राप्त हुई हो।
प्रावधान: Section 65A और 65B, Evidence Act.
उदाहरण: ईमेल, व्हाट्सऐप चैट, सीसीटीवी फुटेज, डिजिटल दस्तावेज़।
 जब किसी विशेष ज्ञान या तकनीकी क्षेत्र से संबंधित तथ्य सिद्ध करने हों।
प्रावधान: Section 45, Evidence Act.
उदाहरण:
– डॉक्टर का पोस्टमार्टम रिपोर्ट
– हैंडराइटिंग या फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की राय।
जब कोई व्यक्ति मृत्यु के पहले किसी अपराध के संबंध में बयान देता है।
प्रावधान: Section 32(1), Evidence Act.
कानूनी स्थिति: यदि विश्वास योग्य हो तो यह अकेले ही अभियुक्त को दोष सिद्ध कर सकता है।

      
      
      
