Simplifying Indian laws, legal rights, Important Judgements and daily legal News. Stay updated with Legal Updates.Online

⚖️ Legal Updates™ "कानून सिर्फ किताबों में नहीं, अदालतों और समाज के हर फैसले में ज़िंदा है।" "न्याय वही है, जो समय पर और सबके लिए समान रूप से दिया जाए।" "क़ानून का मक़सद सिर्फ सज़ा देना नहीं, बल्कि समाज में संतुलन और विश्वास कायम करना है।" "जहाँ अधिकार हैं, वहाँ कर्तव्य भी हैं — यही है कानून का असली आधार।" (District and Session Court Gonda). ⚖️ Legal Updates™

Recently Uploded

Loading latest posts...

संपत्ति और अधिकारों की सीमा और समाप्ति

 Limitation Act, 1963 की धारा 25 और धारा 27 संपत्ति और अधिकारों की सीमा और समाप्ति से संबंधित हैं। 


🔹 धारा 25 – Easement का अर्जन (Acquisition of Easement by Prescription)




📘 अगर कोई व्यक्ति 20 साल तक बिना किसी रुकावट के, किसी और की जमीन पर सुखाचार (जैसे रास्ता, पानी, रोशनी आदि) का उपयोग करता है, तो वह व्यक्ति उस सुखाचार का कानूनी मालिक (Legal right) बन जाता है।


➡️ अगर वह संपत्ति सरकारी है, तो यह अवधि 30 साल होगी।


🧾 उदाहरण:


अगर A, B की जमीन से होकर 20 साल तक अपने घर तक आता-जाता है और B ने कभी आपत्ति नहीं की, तो A को उस रास्ते पर चलने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा।


🔹 धारा 27 – मालिकाना हक का अंत (Extinguishment of Right to Property)


📘 

अगर कोई व्यक्ति नियत समय (जैसे 12 साल) तक अपनी जमीन या संपत्ति पर दावा नहीं करता, तो उसका मालिकाना हक खत्म हो सकता है। उस जमीन पर जो व्यक्ति कब्जे में है, उसका अधिकार मान्य हो सकता है।


➡️ इसको आमतौर पर "Adverse Possession" कहा जाता है।


🧾 उदाहरण:


अगर A की जमीन पर B ने 12 साल से कब्जा कर रखा है और A ने कोर्ट में कोई केस नहीं किया,

तो A का कानूनी हक समाप्त हो सकता है, और B का अधिकार बन सकता है।